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छत्तीसगढ़ में गौशालाओं, कांजी हाऊस, गौठानों की ऑनलाईन मैपिंग

रिपोर्ट, रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य  पशुओं को सड़कों पर आने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा विशेष कदम उठाये जा रहे है। राज्य की विभिन्न सड़कों के आस-पास के शहरों एवं गांवों की गौशालाओं, गौठानों और कांजी हाऊस की ऑनलाईन मैपिंग कार्य किया जा रहा है। इससे नगरीय प्रशासन एवं पंचायत विभाग सहित अन्य विभागों के समन्वय से दुर्घटना जन्य स्थलों पर विशेष निगरानी की जा रही है। गौशालाओं, कांजी हाऊस और गौठान की गूगल मैप तैयार होने पर सड़क पर आने वाले पशुओं को यहां पर रखने के लिए गूगल मैप सर्च करने में आसानी होगी। गौरतलब है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में पशुओं के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पशुओं को सड़क पर नहीं आने देने के कार्यों की विस्तृत समीक्षा मुख्य सचिव ने की।

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छत्तीसगढ़ में गौशालाओं, कांजी हाऊस, गौठानों की ऑनलाईन मैपिंग 1

उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे पशुओं को सड़कों पर आने से रोकने के कार्य की लगातार समीक्षा करें। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए विभागीय नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश भी दिए है।बैठक में नगरीय प्रशासन एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशानुसार चिन्हांकित गौशालाओं, गौठान एवं कांजी हाऊस का गूगल मैप पर मैपिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिसे गूगल मैप में सर्च करने पर आसानी से निकटस्थ कांजी-हाऊस एवं गौशाला के लोकेशन का पता चल जाता है, उन्होंने बताया कि लेयरिंग का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। राष्ट्रीय  राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा चिन्हांकित 51 पाइंट्स को को-आर्डिनेट के साथ-साथ ग्रामों एवं नगरीय निकायों में भी मैपिंग कार्य किया गया है। दुर्घटना जन्य पाईंट को ध्यान में रखते हुए उसके निकट ही लोकेशन मैपिंग किया गया है, जिससे शीघ्र ही पशुओं को उनके लोकेशन में सुरक्षित पहुंचाया जा सके। मुख्य सचिव ने गूगल मैप के उपयोग हेतु अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को ग्राम पंचायतों, नगरीय निकायों, राजस्व विभाग, पुलिस सहित अन्य संबंधितों को उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न चयनित सड़कों पर करीब 51 स्थानों में 102 कर्मचारियों अधिकारियों की ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया है तथा इन लोकेशन की पूर्ण जानकारी ग्रामवार मैपिंग हेतु उपलब्ध करा दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि आम लोगों द्वारा पशुओं के सड़क पर होने की जानकारी हेल्प लाइन नंबर 1033 पर दी जा सकती है। हाईवे पेट्रोलिंग के संबंध में एसओपी भी जारी कर दी गई है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पशुओं की टैगिंग और रेडियम बेल्ट बांधने के कार्य में और तेजी लायी जाए। अंतर्विभागीय लीड ऐजेंसी सड़क सुरक्षा के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि पुलिस और पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों की टीम बनाकर विभिन्न प्रदेशों की सड़कों पर पशुओं को सड़कों पर आने से रोकने के लिए किया जा रहा प्रबंधन का अध्ययन किया गया है। टीम के अधिकारी सहायक पशु चिकित्सक डॉ. अविनाश शुक्ला और पुलिस विभाग के नीलकंठ वर्मा द्वारा भोपाल, जबलपुर, रायपुर से नागपुर और प्रयागराज से लखनऊ मार्ग पर पशुओं को सड़क पर आने से रोकने की व्यवस्थाओं की जानकारी हासिल की है। टीम के सदस्यों ने बताया कि प्रयागराज से लखनऊ मार्ग पर बेहतर व्यवस्था है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में कृषि एवं पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सचिव प्रसन्ना आर., नगरीय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव डॉ. अयाज तम्बोली, संचालक पंचायत कार्तिकेय गोयल, पशु चिकित्सा सेवायें की संचालक चंदन त्रिपाठी सहित पुलिस विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सहित अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

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