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Sulphur fertilizer : धान में सल्फर के उपयोग के फायदे

सफ़ेद मक्खी तो आप सल्फर का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे मक्खी पूर्णत: खत्म हो जायेगी।

महत् ऍग्रो न्यूज, भोपाल : धान (Paddy) सहित अन्य फसलों के लिए उर्वरक का कितना महत्व है | वर्तमान समय में तो बिना उर्वरक ( खाद) के खेती करना ही मुश्किल हो गया है। खेती के लिए सबसे बड़ी जरूरत है की उर्वरक का चयन कर सकें एवं किस तरह पहचान करें की किस फसल में किस उर्वरक का प्रयोग कब करना है। अक्सर किसान अपने खेतों में DAP, NPK , यूरिया का ज्यादा उपयोग करते हैं। अन्य खाद (उर्वरक) का प्रयोग कम करते हैं।


सल्फर ( Sulphur )

सल्फर खाद ( Sulphur fertilizer ) के बारे में जानकारी लेकर आये है। सल्फर का दूसरा नाम गंधक भी है। यह हल्का पीला सफ़ेद रंग होता है। सल्फर का फसलों में उपयोग क्या है? एवं यह कितना जरुरी है ?

यह सभी फसलों के लिए उपयोगी है लेकिन दलहनी फसलों के लिए ज्यादा ही जरुरी हो जाता है। सल्फर एक एसा खाद है जिसका उपयोग तीन कामों के लिए किया जाता है। दुसरे सभी खाद केवल मिटटी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन सल्फर मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ–साथ कीटनाशक, पौधों के लिए टॉनिक का काम भी करता है।

फफूंदी नाशक

अगर आपके फसल में फफूंदी(mildew), पौधों या पौधों के फूल पर काले धब्बे हैं जो गेंहू के फसल में ज्यादा होता है। तो इसकी रोकथाम के लिए सल्फर का पाउडर फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।

खाद के लिए उपयोग

फसल के पत्तों का रंग पीला हो रहा हो , कम हरा हो यूरिया, DAP के प्रयोग करने के बाबजूद भी अगर पौधों का विकास नहीं हो रहा है। तो आप के खेत की मिट्टी में सल्फर की कमी है तथा आप के फसल को सल्फर की जरूरत है। सल्फर के कमी से पौधों का हरापन कम हो जाता है, पौधों का विकास रुक जाता है जिसके कारण पौधों में फूल तथा फल कम लगता है। जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है।

कीटनाशक के रूप में सल्फर

अगर फसल पर मक्खी का प्रकोप है, खासकर के सफ़ेद मक्खी तो आप सल्फर का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे मक्खी पूर्णत: खत्म हो जायेगी।

कैसे पहचाने की सल्फर की कमी है ?

अगर फसल में पौधों का रंग पीला हो जाता है और इसकी शुरुआत पौधों के उपरी हिस्से या नये पत्ते से होती है तो समझे की आपकी फसल को सल्फर की जरूरत है। कभी-कभी नाईट्रोजन की कमी से भी पोधों की पत्ती पीली हो जाती है, लेकिन वह पत्ती पौधों के निचली पत्ती रहती है या निपुरानी पत्ती। इस तरह फसल में सल्फर की कमी को पहचान सकते हैं।

सल्फर की कमी पर क्या करें ?

मिट्टी में सल्फर की कमी है तो आप प्रति एकड़ 100 किलोग्राम ( kg ) जिप्सम का प्रयोग कर सकते हैं। किसान भाइयों को साल में दो फसलों में से किसी एक फसल में जिप्सम का प्रयोग करना चाहिए ।

 

 

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