Urea : गेहूं की फसल में यूरिया कितनी मात्रा में और कब डाले
जहां किसानों ने बिना किसी सलाह के यूरिया Urea खाद गेहूं में डाला व बरसात के मौसम के बाद भी गेहूं की फसल में पानी दिया है।
न्यू दिल्ली : भारत ( India ) में लगातार बढ़ रहे ठंड के बीच गेहूं (wheat crop) व मक्का (corn crop)के फसल को बचाना भी किसानों के लिए चुनौती हो गया है। किसान को गेहूं की फसल में कितनी मात्रा में यूरिया Urea और कितने दिन में यूरिया डालना चाहिए। इसके लिए किसानों को अपनी फसलों की देखभाल करने की जरूरत है।
गेहूं की फसल में यूरिया कब देना चाहिए? (When should urea be given to wheat crop? )
कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ पूजा कुमारी ने बताया कि गेहूं की फसल में पहली सिंचाई के बाद अथवा बुआई के 25 से 30 दिनों के बाद प्रति एकड़ 50 किलो यूरिया Urea का छिड़काव करना चाहिए।
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वहीं गेहूं की फसल में खरपतवारों से बचाव के लिए सल्फास फ्यूरान (sulfas furan) 13.5 ग्राम अथवा क्लोडिनोफॉप ( clodinofop ) 160 ग्राम में से किसी एक का प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए। जबकि खरपतवारनाशी के छिड़काव फ्लैटफैन नॉजल (flatfan nozzle) से करना चाहिए। वहीं गेहूं के फसल में संकरी पत्ती के खरपतवारों से बचाव के लिए क्लोडिनोफॉप (clodinofop)160 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए।
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जिन किसानों ने बरसात के आने से पूर्व एक या दो दिन पहले फसल में पानी दिया है, वहां भी ज्यादा नुकसान है। हालांकि कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को गेहूं की फसल में यूरिया का प्रयोग कम करने, मौसम में बरसात की आशंका को लेकर पानी न देने सहित कई विषयों को लेकर जागरूक किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद किसान लापरवाही बरतते हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।
कैथल कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी रमेश वर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को गोष्ठी व सेमिनार आयोजित कर जागरूक किया जाता है। गेहूं की फसल को लेकर किसानों को जागरूक किया जाता है कि फसल लगाने से पूर्व मिट्टी व पानी की जांच करवाएं। कुछ किसानों ने जागरूकता के बाद मिट्टी व पानी की जांच भी करवाई।
इसके साथ गेहूं की फसल विज्ञानियों की सलाह से लगाएं। बरसात की आशंका पर गेहूं की फसल पानी न दें, जिससे गेहूं की फसल का बरसात व तेज हवा के आने पर गिरने का डर बना रहता है। प्रयोग किसान प्रति एकड़ सवा दो बैग यूरिया डाले, लेकिन किसान चार-चार बैग डाल देते हैं। जैसे ही बरसात व तेज आंधी आती है तो गेहूं की फसल जमीन गिर जाती है। इसी प्रकार दवाई का प्रयोग भी कम मात्रा में करें। एक साथ दो या तीन दवाइयों को एक साथ न डाले। इससे गेहूं की फसल खराब होने का डर बना रहता है।
बिना सलाह के न डालें यूरिया
करनाल मौसम विभाग के विज्ञानी श्याम सिंह चौहान ने बताया कि गेहूं की फसल को तब ज्यादा नुकसान होता है जब किसान बिना किसी सलाह के खेती करते हैं। अब गेहूं की फसल को वहां ज्यादा नुकसान हुआ है जहां किसानों ने बिना किसी सलाह के यूरिया खाद गेहूं में डाला व बरसात के मौसम के बाद भी गेहूं की फसल में पानी दिया है। यूरिया ज्यादा डालने से गेहूं के पौधे की जड़ खत्म हो जाती है। उनकी किसानों से अपील है कि कृषि विज्ञानियों की सलाह से ही खेती करें।
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FAQs –
गेहूं की फसल में यूरिया कब देना चाहिए? ( When should urea be given to wheat crop? )
गेहूं 25 से 30 दिनों के बाद प्रति एकड़ 50 किलो यूरिया Urea दे।
यूरिया का प्रयोग कब करें? (When to use urea?)
गेहूं की फसल 25 से 30 दिनों के बाद।
क्या यूरिया गेहूं के लिए अच्छा है? (Is urea good for wheat? )
गेहूं की फसल होता है ।
यूरिया कितनी बार डालना चाहिए? ( How often should urea be applied? )
गेहूं की फसल में 2 बार या मिट्टी में पोषक तत्व की कमी के अनुसार ।
गेहूं में घास की दवा कौन सी डालें? ( Which weedicide should be applied in wheat? )
सल्फास फ्यूरान (sulfas furan) 13.5 ग्राम अथवा क्लोडिनोफॉप ( clodinofop ) 160 ग्राम