पशुधन विकास के संवाद कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठक
डेस्क रिपोर्ट, जयपुर: राजस्थान मिशन-2030 की कड़ी में पशुपालन एवं गौपालन विभाग ने पशुधन के क्षेत्र में विभिन्न वैज्ञानिकों, प्रबुद्धजनों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए प्रमुख शासन सचिव पशुपालन विभाग विकास सीतारामजी भाले की अध्यक्षता में संवाद कार्यक्रम से पूर्व की तैयारियों को लेकर अहम बैठक का आयोजन किया।
भाले ने कहा कि ग्रामीण आर्थिक संरचना को मजबूत करने व ग्रामीणों को खुशहाल बनाने में पशुधन का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की बहुमूल्य पशुधन सम्पदा की महत्ता को बनाये रखने, उनके विकास एवं पशुधन उत्पादन की अभिवृद्धि के साथ-साथ पशुपालक, किसान तथा समाज के पिछड़े वर्ग के परिवारों को रोजगार के साधन उपलब्ध करा उन्हें आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाये जाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्व है।
उन्होंने कहा कि पशुपालन व्यवसाय में ग्रामीणों को रोजगार प्रदान करने तथा उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाने की अपार सम्भावनाएं है। अर्थव्यवस्था में पशुपालन व्यवसाय की उपादेयता को देखते हुये राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर यथोचित प्रयास किये जाते रहे हैं।
कहा कि राज्य में पशुधन विकास क्षेत्र को गति देने के राज्य व जिला स्तर के साथ-साथ नोडल संस्थाओं पर भी हितग्राहियों से संवाद कर उनकी आवश्यकता के अनुरूप कार्य योजना बनाये जाने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं ताकि प्रदेश का पशुपालक समृ़द्ध हो और उत्तरोत्तर प्रगति के साथ पशुधन से समृद्ध राजस्थान राज्य देश में अग्रणीय पंक्ति में खड़ा हो सकें।
शासन सचिवालय में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में संयुक्त शासन सचिव कश्मी कौर, राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड डा. एन.एम.सिंह, अतिरिक्त निदेशक पशुपालन विभाग डॉ आनंद सेजरा, संयुक्त निदेशक गोपालन डा. तपेश माथुर एवं राजस्थान पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित कई अधिकारी शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने मिशन 2030 के अंतर्गत विभिन्न विधाओं में और अलग-अलग माध्यमों से अधिकाधिक नागरिकों से सुझाव लेने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए आमजन से वेबसाइट के माध्यम से सुझाव आमंत्रित करने के साथ-साथ स्कूलों एवं कॉलेजों में विद्यार्थियों के बीच लेख, भाषण तथा वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। विभिन्न विभागों द्वारा अपने हितधारकों के साथ गहन परामर्श कार्यक्रम के माध्यम से सुझाव एकत्रित किए जा रहे हैं। इस प्रकार विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सुझावों को शामिल करते हुए राज्य का विजन दस्तावेज 2030 तैयार किया जाएगा।