Godhan Nyay Yojana : हरेली तिहार के मौके पर, गौठानों को 16 करोड़ 29 लाख रूपए ट्रान्सफर
डेस्क रिपोर्ट, रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 जुलाई को हरेली तिहार के मौके पर गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीण पशुपालक किसानों सहित गौठान समितियों और महिला समूहों को 16 करोड़ 29 लाख रूपए की राशि का ट्रान्सफर सीधे उनके बैंक खातों में करेंगे। गोधन न्याय योजना ( Godhan Nyay Yojana) के तहत ऑनलाईन राशि ट्रान्सफर ( online money transfer) का यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हरेली तिहार उत्सव के दौरान होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जुलाई माह की प्रथम पखवाड़े में गौठानों में गोबर विक्रय करने वाले 59,729 किसानों को 3 करोड़ 96 लाख रूपए। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 12 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि जारी करेंगेेे। गौठानों में जुलाई माह के प्रथम पखवाड़े में एक लाख 98 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी गोधन न्याय योजना के तहत की गई है।
गोधन न्याय योजना ( Godhan Nyay Yojana) के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गोठानों की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। गोबर विक्रेताओं को होने वाले 3.96 करोड़ रूपए के भुगतान में से मात्र 1.61 करोड़ रूपए का भुगतान छत्तीसगढ़ शासन की ओर से किया जाएगा। जबकि 2.35 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य में 10,263 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं, जिसमें से 5960 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 67 करोड़ रूपए का गोबर पशुपालक किसानों से स्वयं की राशि से किया गया है।
गोधन न्याय योजना ( Godhan Nyay Yojana) के अंतर्गत हितग्राहियों को अब तक 510.08 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 17 जुलाई 2023 को 16.29 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद, आंकड़ा बढ़कर 526.37 करोड़ रूपए हो जाएगा। जिसमें महिला समूहों को जारी 18 करोड़ रूपए की बोनस राशि भी शामिल है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में अब 125.54 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। जिसमें से 123.56 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की गई है , जिसमें गोबर विक्रेताओं को 247.12 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 17 जुलाई को 2.96 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह राशि 251.08 करोड़ रूपए हो जाएगी। गौठानों समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों 244.96 करोड़ रूपए के भुगतान किया जा चुका है। हरेली पर्व पर 12.33 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद आंकड़ा बढ़कर 257.29 करोड़ रूपए तक हो जाएगा।