खरीफ फसलों की MSP निर्धारण के लिए पश्चिमी राज्यों की बैठक
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) निर्धारण करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग, कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पश्चिमी राज्यों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में वर्ष 2024-25 के लिये खरीफ फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य ( msp) निर्धारण पर मंथन किया गया। बैठक में मध्यप्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, केन्द्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली, दमन एवं दीव के सदस्य शामिल हुए।
बैठक में अध्यक्ष, कृषि लागत और मूल्य आयोग भारत सरकार विजयपाल शर्मा ने आयोग के सभी स्टेक होल्डर, किसान, सरकार, व्यापारी और अन्य प्रतिभागियों से आपसी व्यापक चर्चा कर आयोग को अनुशंसाएँ देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि स्टेक होल्डर की चर्चाओं में खरीफ फसलों, दलहन-तिलहन के आयात-निर्यात, उपभोक्ताओं की माँग, उपार्जन, उत्पादन की लागत, अनुसंधान एवं समर्थन मूल्य के आंकलन के आधार पर अनुशंसाएँ की जायें।
सदस्य सचिव कृषि लागत एवं मूल्य आयोग अनुपम मित्रा ने समर्थन मूल्य के लिये राज्यों से धान, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, मूँगफली, ज्वार, दलहन-तिलहन फसलों, मसाला फसलों के लिये आयोग से अनुशंसाएँ लेने का अनुरोध किया। आयोग के सदस्य रतनलाल डागा ने लागत मूल्यों को कम करने के लिये उपार्जन व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, सिंचाई की उचित व्यवस्था के साथ ही विपणन के समुचित प्रबंधों की आवश्यकता जताई।
अध्यक्ष कृषि लागत एवं मूल्य आयोग महाराष्ट्र पाशा पटेल ने विभिन्न राज्यों द्वारा विभिन्न खरीफ फसलें मुख्यत: सोयाबीन, कपास के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रस्तावित दरों की अनुशंसाएँ आयोग से की। उन्होंने विभिन्न राज्यों की दरों का तुलनात्मक एवं तथ्यात्मक विश्लेषण कर अंतर की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, वर्षा की स्थिति अनुसार फसलों का निर्धारण किया जाना चाहिये।
बैठक के तकनीकी सत्र का शुभारंभ अपर मुख्य सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मध्यप्रदेश श्री अशोक बर्णवाल ने किया। उन्होंने आयोग के समक्ष मध्यप्रदेश की सिंचाई, सिंचाई पम्प, कृषि यंत्रीकरण, ट्रेक्टर, विभिन्न फसलों के उत्पादन में देश में विशिष्ट स्थान संबंधी वस्तु-स्थिति आयोग के समक्ष रखी। उन्होंने उपार्जन में विभिन्न कृषि उपजों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित लिमिट को बढ़ाने का अनुरोध किया। बैठक में अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार रखे।
बैठक में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की रूपरेखा, गतिविधियों, कार्य-प्रणाली और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। बैठक में कृषक समितियों को सुदृढ़ बनाने, कस्टम हायरिंग सेंटर को लोकप्रिय बनाने, राजस्थान-महाराष्ट्र में मिलेट्स के क्षेत्र को विस्तृत करने पर जोर दिया गया। बैठक में दाल उत्पादन के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने के लिये उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
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Sunil Meena is Journalist at Mahat News | Graduation from MCNUJC, Bhopal | Cover : Agriculture | journalism since last 7 years. email id – sunilmeena@mahatagronews.com .