दूध के व्यवसाय से बदली किस्मत, किसान क्रेडिट कार्ड योजना से लिया लोन
विकसित भारत संकल्प यात्रा ( Viksit Bharat Sankalp Yatra ) के दौरान जब शंकर ने ’’मेरी कहानी मेरी जबानी’’ के माध्यम से अपनी सफलता की कहानी लोगों को बताई तो शिविर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
डेस्क रिपोर्ट, रायपुर : पशुधन किसानों और उनकी आजीविका का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गाय का पालन योजना ( cow rearing scheme ) एक किफायती और टिकाऊ पेशा हो सकता है, इसके उदाहरण है रायपुर जिले के शंकर यादव। पहले वह एक मजदूर थे और उन्हें आय के लिए संघर्ष करना पड़ हैं। पशुधन विकास विभाग के सहयोग से आज वह एक सफल डेयरी किसान बन गए हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा ( Viksit Bharat Sankalp Yatra ) के दौरान जब शंकर ने ’’मेरी कहानी मेरी जबानी’’ के माध्यम से अपनी सफलता की कहानी लोगों को बताई तो शिविर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
गाय पालन योजना cow rearing scheme
रायपुर के तिल्दा ब्लॉक के तामासीवनी गांव में रहने वाले शंकर यादव ने केंद्र सरकार की योजना का लाभ उठाकर दूध का व्यवसाय शुरु कर आर्थिक सफलता हासिल की। शंकर गांव के एक सामान्य परिवार में रहते है जहां उनके परिवार में 5 सदस्य हैं। पहले उनके पास कुछ नहीं था और आय के लिए वह मजदूरी करते थे पर इससे उनकी आमदनी इतनी नही हो पाती थी की वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सके। इसलिए वह दुग्ध सहकारी संघ में मजदूरी करने लगे और संघ में दूध पहुंचाने का काम शुरु किया था। उन्हें वहां पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस काम के साथ, वह अपना व्यवसाय भी शुरु कर और आर्थिक रुप से सशक्त हो सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योेजना Kisan Credit Card Scheme
शंकर बताते हैं कि अधिकारियों से उन्हें केंद्र सरकार के किसान क्रेडिट कार्ड योेजना के बारे में पता चला। जहां उन्हें बताया गया कि इससे उन्हें लोन मिल सकता है। शंकर ने जानकारी प्राप्त कर अपना किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया और लोन के लिए बैंक में आवेदन किया। आवश्यक दस्तावेज और लेन-देन में पारदर्शिता होने के कारण बैंक ने उनके लोन स्वीकार कर लिया और उन्हें 1 लाख 60 हजार रुपए का लोन उपलब्ध कराया। इस लोन की राशि ने शंकर के जीवन को बदलने में अहम भूमिका निभाई। राशि मिलने के बाद उन्होंने गाय खरीदी और पूरी लगन से पशुपालन में जुट गये और उनकी मेहनत ने एक अद्वितीय सफलता कहानी को जन्म दिया।
Livestock Development Department पशुधन विकास विभाग
शुरुआत में गरीबी के बावजूद, उन्होंने पशुधन विकास विभाग की मदद से नए दिशा में कदम बढ़ाया। वर्ष 2013 में कृषि ऋण के माध्यम से प्राप्त राशि ने उन्होंने उन्नत नस्ल की गाय खरीदी। उन्होंने इन गायों का पशुधन विकास विभाग के मार्गदर्शन में उनके चारे, टिके का ख्याल रखा और उनकी अच्छी देखभाल भी की। जिससे उन्हें गायों से अच्छी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाला दूध प्राप्त होने लगा और व्यवसाय के दूसरे वर्ष में ही उन्हें लाभ होने लगा। उन्होंने एक वर्ष में अपने लोन की राशि का भुगतान कर दिया।
शंकर बताते है कि पशुधन विकास विभाग के कृत्रिम गर्भाधान का लाभ लेकर, उनका पशुपालन मजबूत हुआ साथ ही स्वस्थ बच्चें भी प्राप्त हुए। एक गाय से अपना व्यवसाय शुरु करने वाले शंकर की डेयरी में आज 8 दुधारु गाय है। इस सफलता के साथ, उन्होंने अपने गांव और समुदाय को भी प्रेरित किया और बताया कि मेहनत और सही दिशा में कदम बढ़ाने से कैसे सफलता मिलती है। शंकर लाल यादव सभी से कहते हैं कि पशुपालन को तन, मन और धन से कीजिए, क्योंकि यह आपका जीवन ही नहीं बल्कि आपके परिवार और समुदाय का भी सुधार कर सकता है।”
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FAQs –
1 गाय पालने में कितना खर्चा आता है?
20 लीटर दूध देने वाली गाय की क्या कीमत है?
गाय एक दिन में कितना चारा खाती है?
गाय पालन कैसे किया जाता है?
गाय पालन योजना